
उनकी प्रेरणा से पिलानी, ग्वालियर, इन्दौर व भोपाल के अनेक विद्यालयों में चरित्र निर्माण तथा सर्वांगीण विकास की शिक्षा १५+ वर्षों से दी जा रही है ।
सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास पर तीन भागों में, क्रमशः ६ से ९ वर्ष, १० से १३ वर्ष व १४ से १७ वर्ष तक के विद्यार्थियों के लिये, सस्ता साहित्य मंडल द्वारा प्रकाशित उनकी लिखी गयी पुस्तकें आज के समाज में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होंगी । हर विद्यालय को इन्हें अपने पाठ्यक्रम में सम्मिलित करना चाहिये ।