जय श्री राम
मानव जीवन का चरम लक्ष्य :- श्री राम की अखण्ड स्मृति (= नित्य एकत्व)
सब राम के मंगलमय विधान से होता है जो न्याय और दया पर आधारित है ।
मैं "कर्ता" नहीं हूँ ।
राम
प्रपन्नता
पवित्रता
प्रसन्नता
स्वास्थ्य (A)
प्राणायाम
आसन
व्यायाम
भोजन
विश्राम एवं मनोरंजन
स्वकर्म (B)
राम कृपा का अवलम्बन
समय का आदर एवं सदुपयोग
योग्यता बढ़ाने का सतत प्रयास
सन्तोष
राम ने जो दिया है, बहुत है ।
लाखों करोड़ों को इतना भी नहीं मिला है ।
(A) (B) करने के लिये, और सब समझ कर दृष्टिकोण बदलने के लिये हैं ।
प्रातः "साधना सूत्र" का पाठ